शाम के 8 बज रहे थे ऑफिस से घर लौटते वक्त मेरे जेहन में कई सारे सवाल गूंज रहे थे |
आज कुछ ऐसा हो गया जिसने मुझे सोचने को मजबूर कर दिया, लंच ब्रेक में मैं चहलकदमी करते – करते पास के बाज़ार में आ गया था, यहाँ दिवाली की खरीदारियां पूरी तरह चरम पर थी, पटाखे, मिठाईयाँ, कपड़े, तरह – तरह की रोशनियाँ, ऐसा लग रहा था सारा जमाना पूरी तरह से तैयार हो रहा है रोशनी में नहाने और उत्सव मनाने के लिए |
तभी मेरी नज़र कुछ ऐसे चेहरों पर भी पड़ी जहाँ कुछ सूनापन सा दिखाई दिया यदि मौका उत्सव का हो तो फिर ऐसा क्यों? क्या सचमुच सब खुश है या मुझे ही ऐसा प्रतीत हो रहा है? नहीं कुछ तो गड़बड़ है, कहीं तो कुछ ऐसा हो रहा है जिसकी तरफ किसी का ध्यान ही नहीं है या जानबूझकर अनदेखा कर रहे है |
ये क्या? जरा ध्यान से देखने पर मुझे ऐसा क्यों लग रहा है की उन चमकते हुए चेहरों के पीछे खालीपन सा है, मुस्कराहट दिखावे की है, अंदर कही सूनापन सा है |
अरे ये क्या? चारों और रोशनी होते हुए भी अंदर अंधेरा सा क्यों है? ये ढेर सारी उलझने, अहम, दिखावा, अरे यहाँ पर तो डर भी बैठा हुआ है | बाहर चलते पटाखों की आवाज और धुंए से ज्यादा तो अंदर शोर और धुंधलापन है |
“अब समझ मे आने लगा की क्यों यह दिवाली – दिलवाली नहीं है, बाज़ारों की चमक, उपहारों की रस्म, पटाखों की आवाज और आँखों को दिखाई देने वाली रोशनी से ज्यादा कुछ और है यह दिवाली और इसको हम बना सकते है दिलवाली दिवाली |
आइये आज हम आपको बताते है कैसे बनाए इस दिवाली को दिलवाली दिवाली, खुशियों की दिवाली |
1 – पटाखों की आवाज से ज्यादा दिल की आवाज सुने |
आजकल के समय में हम भौतिक ज़रूरतों को पूरा करते – करते अपनी दिल की आवाज सुनना ही बंद कर चुके है, हम भूल गए है वो बिना सोचे समझे लोगों कि मदद करना, हम भूल गए है उन लोगों को कभी हमारे अजीज़ हुआ करते थे, अब तो वही करीब है जिससे हमें कुछ काम हो, पहले रिश्तों में दिल की बोली लगती थी आजकल दिमाग की बॉक्सिंग होती है |
जरा ध्यान से सुनो अपने दिल की और फिर देखो कितना मधुर संगीत सुनाई देता है और जब ऐसा होगा तो खुशियाँ हमारे पीछे – पीछे परछाई की तरह होंगी |
2 – रोशनी जरा अपने अंदर भी कर ली जाये |
बाहरी चमक दमक तो कुछ पलों की रहेगी क्या हो यदि हम अपने अंदर बैठे हुए डर, नफरत, दिखावे, नकारात्मक विचारों को खुलापन, साहस, प्रेम, व् जिंदादिली की रोशनी दे, फिर देखें कमाल दिन में भी आप की रोशनी सूरज से ज्यादा होगी |
3 – जुड़ाव थोड़ा इंसान से भी कर लिया जाये |
ये दुनिया थोड़ी बाजारी हो गयी है भीड़ में होकर भी अकेली लाचारी सी हो गयी है
किसका घर कितना सुंदर सजा है, किसने ने क्या पहना है, कौन ज्यादा आकर्षक लग रहा है,उपहार में किसने क्या दिया, कितना दिया की बजाय कितने गिले शिकवे भुलाए, कितनों को फ़ोन लगाया, कितने अनजाने चेहरों पर मुस्कान लाये, कितनों को याद किया, कितना वक्त साथ बिताया |
कितने भूखे,लाचार,जरूरतमंदों से रूबरू हम हुए, आखिर यह पर्व तो भी इंसानियत की जीत का ही है |
4 – खुशियों के बैंक में खाता खुलवा ले |
जहाँ पर खुशियाँ बांटने से बढ़ती है, आप अच्छा महसूस कर रहे है बहुत बढ़िया क्या हो जरा इस अच्छी सी फीलिंग को बाँट लिया जाये – आप का परिवार इसकी पहली कड़ी है, फिर पड़ोसी, रिश्तेदार, दोस्त, और सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है वो उदास चेहरे, जिनको हमारा साथ सबसे ज्यादा चाहिए क्यों न सबको कुछ ऐसा महसूस कराया जाये कि हर दिन दिवाली बन जाये |
5 – कल भी मौका मिले फिर से खुशियाँ मनाने का |
आपको पूरा हक है अपनी आज़ादी को जीने का लेकिन आपकी आज़ादी किसी की लाचारी, घुटन न बन जाये | एक दिन का जश्न बाकि दिनों की सेहत न बिगाड़ दे – पर्यावरण व् अपने आस पास के सभी स्त्रोत हमारे लिए है लेकिन सिर्फ हमारे ही नहीं है आने वाली पीढ़ी भी हमसे उम्मीद रखे हुए है इसलिए हमारी खुशियाँ उनकी प्रेरणा बने ना की बंदिशें |
आइये इस साल सिर्फ पटाखों की ही दिवाली नहीं बल्कि दिलवाली दिवाली, खुशियों की दिवाली मानाये | 🙂 🙂 🙂
आसान है की और से सभी सदस्य को दिलवाली दिवाली मुबारक हो | 🙂 🙂 🙂
Good Aricle..
आप सभी को diwali की बहुत-बहुत सुभकामनाए 🙂
Happy diwali sir..
आज के समाज के ऊपर …….. 🙂 बहुत ही सटीक …… बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति। 🙂 🙂
Really great tips for making dilwali diwali.
” Diye ki roshni se sab andhera dur ho jaye,
Dua h ki jo chaho wo khusi manjur ho jaye ”
Happy Diwali.
happy diwali… so helpfull artical…
Nice
Really great
Heart touching Line
Happy Diwali all of you
सभी को दीवाली पर्व की शुभकामनाये !!
घरो की सफाई के साथ साथ नफरत, अहंकार, वैर व् ईर्ष्या जैसे दुर्गुणों का नाशकर अपने मन की भी सफाई भी करे !!
Really very nice lines ….
Nice article sir. Happy Diwali…