हम सभी को आजादी से खुली हवा में सांस लेना बेहद अच्छा लगता है परन्तु इस खुली हवा का व हमारी आजादी (Independence) का श्रेय किसे जाता है? हज़ारों देशप्रेमियों ने अपनी बलि चढ़ाकर हमें उपहार में आजादी दी है और इन्हीं देशप्रेमियों में एक अनोखा शख्स वह है जो धोती कुर्ता पहने लाठी लेकर तथा चेहरे पर एक मुस्कान लिए बिना शस्त्र हमारी आजादी के लिए निस्वार्थ भाव से लड़ता रहा |
दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल | आंधी में भी जलती रही गांधी तेरी मशाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल |
हम में से कई लोग इन्हें Mahatma Gandhi कहकर पुकारते हैं, कई इन्हें बापू बुलाते हैं तथा कई लोग राष्ट्रपिता के रूप में इन्हें जानते हैं |
यूँ तो गांधी जी का देहांत बहुत वर्ष पूर्व हो चुका है परन्तु आज भी लोग इन्हें अपना पथ प्रदर्शक मानते हैं तथा इन्हीं के सिद्धांतों का अनुसरण करते हुए अपने जीवन की दिशा निर्धारित करते हैं | इन्हें किसी परिचय की जरुरत तो नहीं पर आज हम आपको महात्मा गाँधी की जीवनी (Biography of Mahatma Gandhi in Hindi) विस्तार से बताएँगे जिसमें कुछ ऐसे तथ्य हैं जिन्हें आप शायद नहीं जानते |
महात्मा गांधी का जन्म और माता-पिता (Mahatma Gandhi birth and Parents)
Mahatma Gandhi यानि मोहनदास करमचंद गांधी, यही उनका पूरा नाम है, Mahatma Gandhi का जन्म 2 October 1869 को गुजरात में स्थित काठियावाड़ के पोरबंदर नामक गाँव में हुआ था |
उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था तथा आप में से बहुत कम लोग ये जानते होंगे कि ब्रिटिशों के समय में वे काठियावाड़ की एक छोटी से रियासत के दीवान थे | उनकी माता पुतलीबाई, करमचंद जी की चौथी पत्नी थी तथा वह धार्मिक स्वभाव की थीं | अपनी माता के साथ रहते हुए उनमें दया, प्रेम, तथा ईश्वर के प्रति निस्वार्थ श्रद्धा के भाव बचपन में ही जागृत हो चुके थे जिनकी छवि महात्मा गाँधी में अंत तक दिखती रही |
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (Early Life and Education)
Mahatma Gandhi की प्राथमिक शिक्षा काठियावाड़ में ही हुई तथा उसके उपरान्त बालपन में ही उनका विवाह 14 वर्ष की कस्तूरबा माखनजी से हो गया | क्या आप जानते हैं कि महात्मा गांधी अपनी पत्नी से आयु में 1 वर्ष छोटे थे |
जब वे 19 वर्ष के हुए तो वह उच्च शिक्षा की प्राप्ति हेतु लंदन चले गए जहां से उन्होंने कानून में स्नातक प्राप्त की | विदेश में Gandhi Ji ने कुछ अंग्रेजी रीति रिवाज़ों का अनुसरण तो किया पर वहाँ के मांसाहारी खाने को नहीं अपनाया | अपनी माता की बात मानकर तथा बौद्धिकता के अनुसार उन्होंने आजीवन शाकाहारी रहने का निर्णय लिया तथा वहीँ स्थित शाकाहारी समाज की सदस्यता भी ली |
कुछ समय पश्चात वे (Mahatma Gandhi) भारत लौटे तथा मुंबई में वकालत का कार्य आरम्भ किया जिसमें वह पूर्णत: सफल नहीं हो सके | इसके पश्चात उन्होंने राजकोट को अपना कार्यस्थल चुना जहां वे जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए वकालत की अर्जियां लिखा करते थे |
इसके बाद वह सन 1893 में दक्षिण अफ्रीका की एक भारतीय फर्म में वकालत के लिए चले गए जहां उन्हें भारतीयों से होने वाले भेदभाव की प्रताड़ना सहनी पड़ी | यहाँ उनके साथ कई ऐसी अप्रिय घटनाएं घटीं जिन्होंने गांधी जी को समाज में होने वाले अन्याय के प्रति झकझोर कर रख दिया | उसके पश्चात ही उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा भारत में हो रहे अत्याचार के विरुद्ध तथा अपने देशवासियों के हित में प्रश्न उठाने आरम्भ किये |
1906 में Mahatma Gandhi फिर दक्षिण अफ्रीका में थे जहां उन्होंने जुलू युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की | इसके उपरान्त सन 1915 में वे सदैव के लिए स्वदेश लौट आए | जिस समय वह यहाँ पहुंचे उस समय देश में चारों तरफ अंग्रेजों द्वारा अत्याचार हो रहा था | जमींदारों की शक्ति से प्रभावित भारतीयों को बहुत कम भत्ता मिला करता था जिससे देश में चारों तरफ गरीबी छा गयी थी | सभी गाँवों में गंदगी तथा बीमारी फैल रही थी |
गुजरात के खेड़ा गाँव की स्थिति भी अकाल तथा अंग्रेजों के दमन के कारण अत्यंत दुखदायी थी | यहीं से Gandhi Ji की आज़ादी में महत्वपूर्ण भूमिका प्रारम्भ हो गयी |
खेड़ा गांव में पहला आश्रम बनाया (First Ashram in Kheda)
गुजरात के खेड़ा गाँव में एक आश्रम बनाकर उन्होंने तथा उनके समर्थकों ने इस गाँव की सफाई का कार्य आरम्भ किया तथा विद्यालय व् अस्पताल भी निर्मित किये गए |
खेड़ा सत्याग्रह के कारण Mahatma Gandhi को गिरफ्तार कर यह जगह छोड़ने का आदेश दिया गया, जिसके विरोध में लाखों लोगों ने प्रदर्शन किया | गांधी जी के समर्थक व् हज़ारों लोगों ने रैलियां निकालीं तथा उन्हें बिना किसी शर्त रिहा करने के लिए आवाज़ उठाई जिसके फलस्वरूप उन्हें रिहाई मिली |
जिन जमींदारों ने अंग्रेजों के मार्गदर्शन में किसानों का शोषण किया तथा गरीब लोगों को क्षति पहुंचाई, उनके विरोध में कई प्रदर्शन हुए जिनका मार्गदर्शन गांधी जी ने स्वयं किया | उनकी देश के लिए निस्वार्थ सेवा को तथा देशवासियों के लिए प्रेम को देखते हुए लोगों ने उन्हें बापू कहकर संबोधित किया | खेड़ा तथा चम्पारण में सत्याग्रह में सफलता पाने के बाद महात्मा गांधी पूरे देश के बापू बन गए |
असहयोग आन्दोलन (Non-cooperation Movement)
खेडा गाँव को अंग्रेजों के अत्याचार से मुक्त कराने के बाद Mahatma Gandhi ने पूरे देश की जनता के हित में अंग्रेजों के विरुद्ध एक जंग छेड़ दी जिसमें उनके मुख्य हथियार थे- सत्य, अहिंसा व शांति (Truth, Non-violence and Peace) | गांधी जी द्वारा आरम्भ किया गया असहयोग आन्दोलन (Non-cooperation Movement) अंग्रेजों के खिलाफ ब्रह्मास्त्र साबित हुआ |
असहयोग आन्दोलन जलियांवाला बाग़ हत्याकांड के पश्चात और भड़क गया तथा गांधी जी ने इस हत्याकांड की कड़ी निंदा की, उनके अनुसार हिंसा को अनुचित बताया गया | इसके बाद हो रही हिंसा को देखते हुए Gandhi Ji ने अपना ध्यान सरकारी संस्थाओं द्वारा देश में संपूर्ण नियंत्रण स्थापित करने की ओर केन्द्रित किया |
विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया (Boycott of Foreign Goods)
सन 1921 में गांधी जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए तथा उन्होंने स्वदेशी नीति अपनाते हुए देशवासियों को विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए प्रेरित किया | लोगों से खादी पहनने हेतु आग्रह किया तथा महिलाओं को भी अपने इस आन्दोलन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया | Gandhi Ji ने देश के उन लोगों से जो अंग्रेजों के लिए कार्य कर रहे थे तथा उनकी सरकारी नौकरी कर रहे थे, उनसे भी कार्य छोड़ने का आग्रह किया |
असहयोग आंदोलन वापस लिया गया (Non-Cooperation Movement was withdrawn)
असहयोग आन्दोलन को संपूर्ण देश में सफलता (Success) प्राप्त हुई तथा अधिकतम लोगों ने स्वदेशी नीति का अनुसरण किया | दुर्भाग्यवश चौरी चौरा के हिंसात्मक काण्ड के बाद गांधी जी को असहयोग आन्दोलन को वापस लेना पड़ा तथा उन्हें 2 साल कारावास में भी व्यतीत करने पड़े | फरवरी 1924 में उन्हें रिहाई मिल गयी |
नमक सत्याग्रह – दांडी यात्रा (Salt Satyagraha -Dandi March)
कारावास के बाद भी Gandhi Ji तरह तरह से देश में हो रही हिंसा तथा अत्याचार को रोकने में प्रयासरत रहे | उनके कारावास के दौरान दो भागों में बंट चुकी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को भी उन्होंने एक करने का हर संभव प्रयास किया |
1928 में बापू ने कलकत्ता के कांग्रेस अधिवेशन में भारतीय साम्राज्य को सत्ता सौंपने की मांग की तथा विरोध करने पर देश को स्वतंत्रता दिलाने हेतु असहयोग आन्दोलन छेड़ने की बात कही | इसके बाद Mahatma Gandhi ने 1930 में नमक पर लगे कर (Tax) के विरुद्ध सत्याग्रह आन्दोलन प्रारम्भ किया, जिसमें दांडी यात्रा (Dandi March) प्रमुख रही |
इसके बाद देश की जनता को जागरूक होते तथा जोश में देखकर सरकार ने बापू के साथ वार्तालाप किया जिसका नतीजा गांधी-इरविन की संधि के रूप में आया | इस संधि के अनुसार सविनय अवज्ञा आन्दोलन को समाप्त करने के बदले सभी राजनैतिक भारतीय कैदियों को आज़ाद किया |
इसके पश्चात Gandhi Ji कांग्रेस का मुख्य चेहरा बनकर गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे जिसका परिणाम नकारात्मक रहा | इसके पश्चात इरविन के उत्तराधिकारी के प्रतिनिधित्व में फिर भारतीयों पर अत्याचार बढ़ा तथा गांधी जी को फिर एक बार कारावास भेजा गया | परन्तु उनके समर्थकों द्वारा यह आन्दोलन जारी रहा तथा अंग्रेजों को असफलता का मुख देखना पड़ा |
दलितों के लिए शुरू किया आंदोलन (Started Movement for Dalits)
इसके बाद 1932 में बापू (Mahatma Gandhi) ने छह दिन का अनशन किया तथा उसके बाद दलितों के हित में एक आन्दोलन आरम्भ किया | उन्होंने दलितों को हरिजन का नाम दिया तथा यह आन्दोलन भी हरिजन आन्दोलन कहलाया | परन्तु यह सफलता न पा सका तथा दलितों ने गांधीजी को नकार कर अंबेडकर को अपना नेता चुना | इसके पश्चात भी गांधी जी इनके समर्थन में लड़ते रहे |
भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement)
द्वितीय विश्व युद्ध में उन्होंने अंग्रेजों को अहिंसात्मक रूप से समर्थन देने की बात कही जिसके पक्ष में कोई न था | बाद में Gandhi Ji ने भी युद्ध में किसी भी ओर की पार्टी बनने से इनकार कर दिया तथा भारत छोड़ो आन्दोलन को और तीव्र किया गया |
इस सर्वव्यापी आन्दोलन में हिंसा तथा गिरफ्तारी भी हुई जिसके पक्ष में बापू कतई नहीं थे | बापू ने संपूर्ण भारत को अहिंसा से करो या मरो द्वारा स्वतंत्रता के लिए लड़ने को कहा | गांधी जी तथा कांग्रेस के सदस्यों को फिर से गिरफ्तार किया गया | गांधी जी के लिए यह कारावास बहुत घातक रहा | इस समय वह बीमार भी हुए तथा कस्तूरबा का भी देहांत हो गया |
उनके कारावास में रहते हुए भी भारत छोड़ो आन्दोलन चलता रहा तथा सफल भी हुआ | अंग्रेजों ने भारत को सत्ता सौंपने का निर्णय लिया | परन्तु Gandhi Ji ने कांग्रेस को ब्रिटिश कैबिनेट के प्रस्ताव को ठुकराने के लिए कहा क्योंकि यह प्रस्ताव भारत को विभाजन की ओर ले जा रहा था | परन्तु हिन्दू तथा मुस्लिमों में असंतोष को देखते हुए उन्होंने दिल्ली में आमरण अनशन किया तथा पाकिस्तान को 55 करोड़ रूपए देकर अलग कर दिया गया |

गांधी जी की हत्या (Mahatma Gandhi’s Death)
गाँधी जी (Mahatma Gandhi) की हत्या का जिम्मेदार नाथूराम गोडसे था जो राष्ट्रवादी हिन्दू था तथा गांधी जी को भारत को कमज़ोर करने का दोषी मानता था क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान को 55 करोड़ का भुगतान किया था |
Mahatma Gandhi जब 30 जनवरी 1948 को रात्रि में दिल्ली के बिरला भवन में घूम रहे थे उस समय नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी | नवम्बर 1949 में नाथूराम गोडसे तथा उसके सहयोगी को भी फांसी दे दी गयी |
गांधी जी देश के ऐसे नेता थे जिन्होंने बिना शस्त्र उठाये अंग्रेजों को इस देश से बाहर कर दिया | अपने परिवार को त्याग कर संपूर्ण जीवन उन्होंने देश के हित के लिए लड़ाई लड़ी तथा अंत में देश के हित के लिए ही शहीद हो गए | इनका संपूर्ण जीवन तथा जीवनी (Mahatma Gandhi Autobiography) भारत के सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए प्रेरणादायक बन गया |
गांधी जी का महत्वपूर्ण कथन : “बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत बोलो |”
बहुत अच्मछी पोस्ट महात्मा गाँधी वास्तव में एक अवतारी सत्ता थे इन महान आत्मा का योगदान भारत के लिए एक अभूतपूर्व घटना थी जिसे देश कभी नहीं भूल सकता इन महान विभूति को शत शत नमन*
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aap post padh kr achchhi jankari mili mahatma gandhi ji ke bare me
my new post 101+ महात्मा गांधीजी के सर्वश्रेष्ठ सुविचार
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गाँधी जी (Mahatma Gandhi) की हत्या का जिम्मेदार नाथूराम गोडसे था जो राष्ट्रवादी हिन्दू था तथा गांधी जी को भारत को कमज़ोर करने का दोषी मानता था क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान को 55 करोड़ का भुगतान किया था |
Mahatma Gandhi जब 30 जनवरी 1948 को रात्रि में दिल्ली के बिरला भवन में घूम रहे थे उस समय नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी | नवम्बर 1949 में नाथूराम गोडसे तथा उसके सहयोगी को भी फांसी दे दी गयी
THANK YOU
PRNAM
thank you yrey mache
PRNAM
Such a nice person
गाँधी जी ने कहा था की बुरा मत देखो , बुरा मत कहो , बुरा मत सुनो लेकिन आज देश में बुरा देखा जा रहा है और बुरा कहा जा रहा है और बुरा सुना जा रहा है तो बताए की देश का क्या होगा
Very nice jive n gupta??
Vahi hoga jo manjure khuda hoga
Gandhiji is not an ordinary person
But present India against thoughts of father of nation
very nice post about Mahatma Gandhi ….
nice article
really awesome…… superb
धन्यवाद. 🙂
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GANDHI JI KE BAARE ME . TO BACHPAN SE HI PADTE SUNTE AA RAHE HAI PAR ITNI GAHERAAI SE PADHNE ME BAHUT HI AANAND PRAPT HUA …. So Author Thanks For This …..
Is desh ke ham veer hai janjiro ko tod denge hai jo hamara dash ko ankhe dikhata hai use shise ki tarah tordete hai by Md Fahim Alam I love India
very much helpful. please keep uploading more
pooja a very creative article . thankssssss.
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the article was useful and it helped me a lot . thankssssss.
Really Gandhiji was a great Person. He Sacrifice for the country
Bhai Gandhi ji story sunne ke baad plz apne samne ho rhe Atyacharo ko andekha na kre uska virodh kre Thanks
Atyacharo ko door karne ke liye bharat ke logo ko ek hona unity lani hogi tabhi atyachar door hoga because 1947 se pahle
Hindu Muslim bharat me bhai bhai the tab jakar mulak aajad huwa
It is really nice and motivation ???????????????????
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ….. Really Amazing Article …… Thanks for sharing this!! 🙂 🙂
Gandhi ji ke baare me bahut aisi chize hai jo kabile tarrif hai. Unki vajah se hum log apni tarah se lyf jee rhe hai. Thanks for sharing this post.
nice story……. really inspirational for all of us.
इस पोस्ट में महात्मा गाँधी के जीवन के हर पहलु के बारे में जान सकते हैं.
Thanks For Sharing….
बहुत अच्छी Post Sir, इस पोस्ट में महात्मा गाँधी के जीवन के हर पहलु के बारे में जान सकते हैं.
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अपनी राय हमारे साथ शेयर करने के लिए प्रियंका आपका बहुत – बहुत धन्यवाद. 🙂
Shubham gupta be belive to so much anything to by my no brother this like I it
achi or hamare liye useful jankari hai sir.. Thanx for post this..!
Behtarin motivational story hai
Nice Article Agar koi mere blog par post likhna chahata hai plz contact me facebook.com/bloglen or bloglen.com par comment kare.
Pooja G it a great article about Gandhi G
God bless u you write more then more..!
Bahut bdhiya post Pooja Madam,Gandhi Ji ke jivanse judi saari mhtvpurn baate yhaa cover ki gai he,unke baare me kuch baate thi jiske baareme me bhi anjaan tha, jo muje aapke dwara prapt hui,thank you for this and unke inhi mhtvpurn karyo ki bdolt aaj unhe Rastrpita kaa snmaan prapt he.
Very useful thanks
Regared By
Malathi
Happy birthday महात्मा गांधी we love u 🙂
Really a touching biography.
Pooja really a great article . Thank you.
Ultimate Post……. Great source of inspiration. Thanx for such a nice post.
Hello Aasan Hai Team and Pooja Chaudhary aapne महात्मा गांधी का जीवन 🙂 ke baare m keya Likha haii.. Maza aa Gaya – गान्धी जी ने सभी परिस्थितियों में अहिंसा और सत्य का पालन किया और सभी को इनका पालन करने के pranya di v Hai..!
मैं हिंसा का विरोध करता हूँ क्योंकि जब ऐसा लगता है कि वो अच्छा कर रही है तब वो अच्छाई अस्थायी होती है; और वो जो बुराई करती है वो स्थायी होती है. – महात्मा गाँधी
Best Hindi Quotes On | Success | Life – “उन पर ध्यान मत दीजिये जो आपकी पीठ पीछे बात करते है इसका सीधा सा अर्थ है आप उनसे दो कदम आगे है.. “
Aapke Blog Dwara Behatrin Post me se ye ek hai. main is shandar post ke liye aapka bahut bahut shukriya kahana chahunga 🙂 Keep posting like this. Thanks a lot again.